मध्य प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर पांच रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को प्रदान की जाएगी। इस महीने के अंत में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।
अन्य राज्यों में प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था
मध्य प्रदेश की यह योजना झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र और असम जैसे राज्यों की तर्ज पर लाई जा रही है, जहां पहले से ही दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर पांच रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। सरकार की इस योजना से प्रदेश के लगभग 15 प्रतिशत दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए नई योजना
मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है इस योजना का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा जो दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से जुड़े हैं। इसके कारण, इस योजना से सीमित संख्या में किसान ही लाभान्वित होंगे।
मध्य प्रदेश सरकार की इस नई योजना से राज्य में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होने की संभावना है और इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन की नई पहल छ: सहकारी दुग्ध संघों में वितरण
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध एकत्र किया जाता है, जिसके लिए सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह दूध प्रदेश के छ: सहकारी दुग्ध संघों में भेजा जाता है, जहां से इसे बिक्री के लिए भेजा जाता है।
अमूल मॉडल का अवलोकन
वर्तमान वर्ष को राज्य सरकार द्वारा गो रक्षा वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। इसी संदर्भ में, ग्वालियर के लिए सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस वर्ष जनवरी में अहमदाबाद में अमूल मॉडल का अवलोकन किया था।
सहायता राशि का वितरण
पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को सहायता प्रदान करने में प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना का प्रस्ताव एक से दो महीने में कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रति लीटर पांच रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की योजना बनाई है। यह प्रोत्साहन राशि केवल उन्हीं किसानों को दी जाएगी जो दुग्ध सहकारी समितियों के सदस्य हैं, और इसका लाभ राज्य के 15 प्रतिशत दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा।
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