MP में रेलवे का बड़ा कदम, 12 नए प्लेटफार्म और 17 नए स्टेशन को मिली 4500 करोड़ की लागत मंजूरी

मध्य प्रदेश में रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है, राज्य के कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए कई अहम् बड़े फैसले लिए गए है, इसमें जबलपुर का अधारताल स्टेशन और का इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन का विकास एक बड़ा फैसला है। इन सभी फैसलों के साथ रेल में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधाओं में सुधार होगा साथ ही पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

जबलपुर के अधारताल में बनेगा वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में जल्द ही देश का सबसे बड़ा आधुनिक रेलवे स्टेशन बनने जा रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे ने रेलवे बोर्ड से इसके निर्माण के लिए 4500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 12 नए प्लेटफार्म, विशाल बड़े भवन, फुटओवर ब्रिज, चार-लेन का पहुंच मार्ग और बड़ी पार्किंग जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। यह रेलवे स्टेशन आने वाले 50 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, जिससे यात्रियों की सुविधाओं में तकनीक और सेवाएं जोड़ी जाएंगी।

रेलवे स्टेशन के निर्माण के लिए 287 एकड़ जमीन की जरूरत होगी, जिसे रेलवे बोर्ड, खरपतवार अनुसंधान संस्थान और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से प्राप्त करने की योजना है। इस बड़े प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन और जमीन अधिग्रहण की कुल लागत 4.5 हजार करोड़ रुपये होगी, जिसमें स्टेशन का पुनर्निर्माण और संबंधित मुआवजा भी शामिल है।

17 नए स्टेशन और इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से होगा विकास

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर और मनमाड़ के बीच नई रेल लाइन का निर्माण भी हो रहा है, जिसका कुल खर्च 18,036 करोड़ रुपये है। इसमें से 13,628 करोड़ रुपये की लागत मध्य प्रदेश में आएगी, जिसमें 10% हिस्सा राज्य सरकार देगी और बाकी खर्चों के केंद्र सरकार का योगदान रहेगा। इस नई लाइन के जरिए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

इस नई रेल लाइन पर कुल 34 रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें 17 नए स्टेशन मध्य प्रदेश में बनाए जाएंगे। इन स्टेशनों में इंदौर के महू, कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, नीमगढ़, ग्यासपुरखेड़ी और कई अन्य छोटे स्टेशन शामिल हैं। इस परियोजना के पूरा होने से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे जिससे कई नए रोजगार भी उपलब्ध होंगे। विशेष रूप से इस ट्रैक का उपयोग फ्रेट कॉरिडोर के रूप में भी किया जाएगा, जिससे माइनिंग, कृषि उत्पाद जैसे मिलेट्स, आलू और प्याज को नए बाजार मिल जायेंगे।

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंदौर में इस प्रोजेक्ट की घोषणा करते हुए कहा कि इस रेल लाइन के विकास से आदिवासी क्षेत्रों का पलायन रुकेगा और उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। यह रेल लाइन त्र्यंबकेश्वर से महाकालेश्वर को जोड़ेगी, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इंदौर और धार के पास चार नए रेलवे गोदाम बनाए जाएंगे, जिनसे लॉजिस्टिक हब के रूप में भी इस क्षेत्र का विकास हो जायेगा।

यात्री और व्यापार दोनों को होगा फायदा

मध्य प्रदेश में अधारताल स्टेशन और इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन जैसी योजनाओं से यात्रियों को कई अनेक सुविधाएं मिलेंगी, वहीं व्यापारिक गतिविधियां भी तेज होंगी। आधुनिक रेलवे स्टेशनों के निर्माण से यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, और प्रदेश में पर्यटन और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में नए क्रांति देखने को मिलेगी। इन परियोजनाओं से ना सिर्फ यातायात के साधन बेहतर होंगे, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। रेलवे द्वारा लिए इस फैसले में आपकी क्या राय है अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर बताये।

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